अपने अंदर की दुनियाँ को स्वच्छ रखे ,क्योंकि अंदर की दुनियाँ से ही बाहर की दुनियॉ बनती है | Bk Shivani
ठंड के मौसम में रोज, रजाई कहती है अंदर, तो आ गए बाहर, कैसे जाओगे | happy winter
बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है.
हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा, और परमात्मा उसमे बसेंगे.